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फिल्म रिव्यू ‘शोरगुल’ : गुल होती इंसानियत, बचाने का शोर (2.5 स्टार)
July 1, 2016
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दंगे इंसानियत के नाम पर बदनुमा दाग हैं, मगर आजादी के छह दशकों बाद भी हिंदुस्तान उसे ढोने को मजबूर है। ‘शोरगुल’ की सोच उसी बुनियाद पर टिकी
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